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बाघ का भय (Fear Of Tiger)
एक लड़की जिसका नाम सुखनी था । उसका जन्म भारत देश के एक छोटे गाँव मकुन्दा नामक गाँव में हुआ था। उसके छ: भाई और दो बहनें थी। उसके पिता बी०सी०सी०एल० में कार्यरत थे। सुखनी देवी की शादी सुभाष नामक व्यक्ति से हुई। अब सुखनी देवी आगद्वारा नामक गाँव में चली गई। एक दिन सुखनी देवी मल त्याग के लिए एक तालाब की ओर जाने लगी । तालाब एक वन के भीतर था। वन काफी घना था। वह वन के भीतर गयी । चिड़ियों की चहचहाट सुनाई दे रही थी। । दोपहर का समय हो रहा था। गर्मी का मौसम था। कड़ी धूप चारों और फैली हुई थी। गर्म हवाएँ चल रही थीं। वह मल त्याग करने के बाद तालाब की ओर जाने लगी। वह पैदल चल रही थी। कुछ देर बाद वह तालाब के पास पहुँची । वह जैसे ही हाथ-पाँव धीने के लिए तालाब के पानी की ओर बढ़ने लगी। तालाब के दूसरे छोर पर एक बाघ आ गया । वह पानी पीने लगा । वह पानी पीने में मग्न था । सुखनी देवी बाघ को देखकर भय से काँपने लगी । दोपहर के समय आस-पास कोई नहीं था । उसके माथे से पसीना आने लगा । वह साहस करके धीरे- धीरे पीछे की ओर जाने लगी। वह एक घने पेड़ के पीछे छुप गई। वह बस बाघ को एकटक देखी जा रही थी। उसे मृत्यु का आभाष हो रहा था। कुछ देर बाद बाघ पाना पीकर वहाँ से से चला गया। सुखनी देवी के जान-में-जान आई वह तालाब के पानी से जल्दी-जल्दी हाथ और पाँव धोई और पैदल घर की ओर जाने लगी। उसे बाघ का भय अभी भी लगा हुआ था । उसे लग रहा था कि कहीं बाघ पीछे से न आ जाए । वह इस भरी दोपहरी में पैदल चली जा रही थी। कुछ देर बाद वह वन के बाहर आई । वह अब गाँव के काफी नजदीक थी। वह अपने घर की और चल पड़ी।
लघु कहानीकार
पंकज मोदक
There was a girl named Sukhni. He was born in a small village named Makunda in the country of India. He had six brothers and two sisters. His father was working in B.C.C.L. Sukhni Devi was married to a person named Subhash. Now Sukhni Devi moved to a village called Agdwara. One day Sukhni Devi started going towards a pond for defecation. The pond was inside a forest. The forest was very dense. She went inside the forest. The chirping of birds could be heard. , It was getting late in the afternoon. It was summer. The scorching sun was spreading all around. Hot winds were blowing. After defecation she started going towards the pond. She was walking. After sometime she reached near the pond. As soon as she started moving towards the water of the pond to take care of her hands and feet. A tiger appeared at the other end of the pond. He started drinking water. He was busy drinking water. Sukhni Devi started trembling with fear on seeing the tiger. No one was around at noon. Sweat started coming from his forehead. She took courage and slowly started going backwards. She hid behind a dense tree. She was just staring at the tiger. He was hearing about death. After sometime the tiger went away after drinking the paan. Sukhni Devi came to life, she quickly washed her hands and feet with the water of the pond and started walking towards the house. He still had the fear of the tiger. He felt that the tiger might not come from behind. She was walking on this hot afternoon. After sometime she came out of the forest. She was now very close to the village. She walked towards her house.
Short story writer
Pankaj Modak
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